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पथ के दावेदार : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला उपन्यास) अध्याय 5 कहते-कहते भारती की मुखाकृति कठोर और गले की आवाज तीखी हो उठी, “इस लड़की की मां और यदु ने जो अपराध ...